मॉम इंडिकेटर (Momentum Indicator) और आरएसआई (Relative Strength Index) दोनों ही तकनीकी विश्लेषण के महत्वपूर्ण उपकरण हैं, लेकिन इनके उपयोग और कार्यप्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।
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मॉम इंडिकेटर (Momentum Indicator)
कार्यप्रणाली: मॉम इंडिकेटर वर्तमान मूल्य को पिछले मूल्य से तुलना करके बाजार की गति को मापता है। यह दर्शाता है कि कीमत कितनी तेजी से बदल रही है।
गणना: मॉम इंडिकेटर की गणना निम्नलिखित सूत्र से की जाती है:
Momentum=Current Price−Price n periods ago
उपयोग:
अत्यधिक पढ़ने (Extreme Readings): मॉम इंडिकेटर के अत्यधिक पढ़ने से बाजार की अधिक खरीद या अधिक बिक्री की स्थिति का पता चलता है।
विचलन (Divergence): यदि मॉम इंडिकेटर और कीमत विपरीत दिशाओं में चल रहे हैं, तो यह एक प्रवृत्ति के उलट होने का संकेत दे सकता है।
शून्य रेखा (Zero Line): शून्य रेखा से ऊपर जाना खरीदने का संकेत और नीचे जाना बेचने का संकेत हो सकता है।
आरएसआई (Relative Strength Index)
कार्यप्रणाली: आरएसआई एक ऑसिलेटर है जो कीमत के उतार-चढ़ाव और वेग दोनों को मापता है। यह 0 से 100 के बीच की एक संख्यात्मक मान देता है।
गणना: आरएसआई की गणना निम्नलिखित सूत्र से की जाती है:
RSI=100−[1+Average LossAverage Gain100]
उपयोग:
अधिक खरीद (Overbought): आरएसआई मान 70 से ऊपर होने पर अधिक खरीद की स्थिति का संकेत देता है।
अधिक बिक्री (Oversold): आरएसआई मान 30 से नीचे होने पर अधिक बिक्री की स्थिति का संकेत देता है।
विचलन (Divergence): यदि आरएसआई और कीमत विपरीत दिशाओं में चल रहे हैं, तो यह एक प्रवृत्ति के उलट होने का संकेत दे सकता है।
मूविंग एवरेज (Moving Average): आरएसआई को मूविंग एवरेज के साथ संयोजित करके बाजार की प्रवृत्ति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है।
अंतर
मापन: मॉम इंडिकेटर मुख्य रूप से बाजार की गति को मापता है, जबकि आरएसआई बाजार की गति और उतार-चढ़ाव दोनों को मापता है।
सीमा: मॉम इंडिकेटर की कोई निश्चित सीमा नहीं होती, जबकि आरएसआई 0 से 100 के बीच होता है।
उपयोग: मॉम इंडिकेटर अक्सर अल्पकालिक व्यापार के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि आरएसआई दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों प्रकार के व्यापार में उपयोग किया जा सकता है।
संकेत: मॉम इंडिकेटर शून्य रेखा के ऊपर या नीचे जाने के संकेत देता है, जबकि आरएसआई अधिक खरीद और अधिक बिक्री के स्तरों को दर्शाता है।
इन दोनों उपकरणों का उपयोग करते समय, व्यापारी बाजार की अस्थिरता और अन्य बाहरी कारकों को भी ध्यान में रखते हैं जो कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।